Friday, September 30, 2011

तरसे.....

ये क्या तुने कर दिया 
बस में न कुछ अब रहा 
सुना हुआ जहा ..... 
तरसे ये मन, तरसे पिया , तरसे ये लब्ज़, तरसे जिया 
तू आ भी जा यहाँ ......

तेरी मेरी दास्ताँ
कैसे करू अब बयां
इतना मुजे बता
तरसे नयन, तरसी अदा, तरसी शरम , तरसी हया
तू आ भी जा यहाँ .......
तरसे ये मन, तरसे पिया , तरसे ये लब्ज़, तरसे जिया

ख़्वाबों का ये कारवां
प्यार का ये समां 
तू छोड़  के  न  जा  
तरसा खुमार , तरसी वफ़ा , तरसे ये अश्क,  तरसी दुआ
तू आ भी जा यहाँ ......
तरसे ये मन, तरसे पिया , तरसे ये लब्ज़, तरसे जिया

Wednesday, September 28, 2011

सय्याँ ....

सय्याँ , 
प्यार तुझे होगया, दिल तो तेरा खोगया 
खिल उठी हैं जमी , खिल उठा आसमान 
सय्याँ ......सय्याँ ......तुझसेही हैं जहां...सय्याँ ......
तू ही हैं दिल में बसी 
तुझसेही हैं हर ख़ुशी
मेरी हैं जो ख्वाइशे
तुझसेही हैं अब जुडी 
थामले दिल को अब ,ये होचला बावरा 
सय्याँ......
आखें तेरी कहे रही 
कहानी कोई अनकही 
होटोंकी यह चाहते  
लब्जो में हैं घुल रही 
दिलमें हैं कह्भी दे , पूरी कर अब दुआ 
सय्याँ.....

Monday, September 26, 2011

मेरे मौला

मेरे मौला, मेरे मालिक मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश 
कर दे तू इतने करम....
जख्मो का बनजा मरहम

तेरे दर पे हूँ आया मैं सारे ख्वाब लेके ...
सारे गमो को मिटा दे ऐ मौला .....खुशिया सारी देके 
मेरे मौला, मेरे मालिक मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश 
दे दे मुझे वोह सुकून
के एक पल तो मैं अब जिऊँ 

थी ख्वाइशे जो..दुआ बनके सारी मांगी हैं मैंने यहाँ 
मेरी वोह मंजिल , खयालो का साहिल, धुंडू उन्हें अब कहा
मेरे मौला, मेरे मालिक, मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश 
दिखादे मुझे रास्ता 
तुझे अब मेरा वास्ता......

                                                     

Thursday, September 22, 2011

सावरे....

सावरे....तुही मनकी सारी खुशिया
           तुही दिलके खाबोकी दुनिया
           तू ही खुदा ,तू ही सावरे...

           आखोकी ये सादगी,  होठोकी ये ख्वाइशे
           मिलने लगी हर ख़ुशी, दिलकी है ये साजिशे 
           सासोकी तू खुशबू
           जीने की तू आरज़ू
           तुझबिन जिया ना जाये रे.....सावरे....
         
            तेरी वो हर एक अदा,उनपे फ़िदा अब खुदा
            तेरी वो हर एक हसी, अब तो दिल में हैं बसी 
            तू होटोंकी प्यास हैं 
            तू आखियो की आस हैं
           तुझसा ना कोई लागे रे....सावरे