Sunday, December 11, 2011

आज जाने की जिद ना करो...(my version)

आज जाने की जिद ना करो...
युही बाहोंमे सिमटी रहो ....आज...

ना तो जी पायेंगे, ना तो मर पायेंगे
ऐसी आहें भरा ना करो ......आज .....


ये झुकी सी नजर , केसुओ का ये घर
जीने दो इन घटाओं मे अब हमनवा
राहे है जुड गयी...... जानेजां 
पोछदो इन डरी आंखोको.....आज.....


वक्त है थम गया , बहोत कुछ केह गया
जो बचा है उसे केह भी दो तुम जरा ....
सांसे अब है रुकी...... जानेजां....
छुने दो इन हसी होटोको .....
आज जाने की जिद ना करो.....

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