Monday, September 26, 2011

मेरे मौला

मेरे मौला, मेरे मालिक मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश 
कर दे तू इतने करम....
जख्मो का बनजा मरहम

तेरे दर पे हूँ आया मैं सारे ख्वाब लेके ...
सारे गमो को मिटा दे ऐ मौला .....खुशिया सारी देके 
मेरे मौला, मेरे मालिक मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश 
दे दे मुझे वोह सुकून
के एक पल तो मैं अब जिऊँ 

थी ख्वाइशे जो..दुआ बनके सारी मांगी हैं मैंने यहाँ 
मेरी वोह मंजिल , खयालो का साहिल, धुंडू उन्हें अब कहा
मेरे मौला, मेरे मालिक, मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश 
दिखादे मुझे रास्ता 
तुझे अब मेरा वास्ता......

                                                     

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