मेरे मौला, मेरे मालिक मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश
कर दे तू इतने करम....
जख्मो का बनजा मरहम
तेरे दर पे हूँ आया मैं सारे ख्वाब लेके ...
सारे गमो को मिटा दे ऐ मौला .....खुशिया सारी देके
मेरे मौला, मेरे मालिक मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश
दे दे मुझे वोह सुकून
के एक पल तो मैं अब जिऊँ
थी ख्वाइशे जो..दुआ बनके सारी मांगी हैं मैंने यहाँ
मेरी वोह मंजिल , खयालो का साहिल, धुंडू उन्हें अब कहा
मेरे मौला, मेरे मालिक, मेरे अल्लाह , हैं गुजारिश
दिखादे मुझे रास्ता
तुझे अब मेरा वास्ता......
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