Wednesday, September 28, 2011

सय्याँ ....

सय्याँ , 
प्यार तुझे होगया, दिल तो तेरा खोगया 
खिल उठी हैं जमी , खिल उठा आसमान 
सय्याँ ......सय्याँ ......तुझसेही हैं जहां...सय्याँ ......
तू ही हैं दिल में बसी 
तुझसेही हैं हर ख़ुशी
मेरी हैं जो ख्वाइशे
तुझसेही हैं अब जुडी 
थामले दिल को अब ,ये होचला बावरा 
सय्याँ......
आखें तेरी कहे रही 
कहानी कोई अनकही 
होटोंकी यह चाहते  
लब्जो में हैं घुल रही 
दिलमें हैं कह्भी दे , पूरी कर अब दुआ 
सय्याँ.....

No comments:

Post a Comment