Wednesday, October 5, 2011

साहेबा ....

इन हवाओं ने कहा 
तेरे साँसों का पता 
जान हैं तू मेरी, जान ले ये साहेबा  

मेरी निगाहे, तरसी यह बाहें
काटे कटेना, अब तो यह राहें 
मेरी दुआए, उसकी सदाए 
मिलके तुझे अब मुझासे मिलाए 
उसकी मरजी को तू ऐसे न ठुकरा 
साहेबा ...

तेरी तमन्ना, तेरे वोह अरमा 
लागे मुझे अब सारे वोह तनहा
सुन ले तू  दिल का जो हे कहना 
अब तो उसे भी मेरे बिन ना रहना 
मान ले अब तुजे प्यार हैं होगया 

साहेबा

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