Monday, February 6, 2012

ख्वाईशें...

बेनाम थी जिंदगी 
बेरंग थी हर ख़ुशी...
दिलने तब माँगा जिसे...
ख्वाईशें...ख्वाइशे ....ख्वाइशे 
रबने कहा फिर उसे...

जिसके सहारे जिया 
ख्वाबोका ये कारवा 
खोके भी पाया जिसे 
रबकाही था वोह दिया...
देके बचाकुछ जो उसे
ख्वाईशें...ख्वाइशे ....ख्वाइशे 
रबने कहा फिर उसे...

नाम था तेरा लिया...
सासोने था सून लिया 
दिलतक जब बात गयी 
मांगी फिर उसने दुआ 
भेजा फिर रबने जिसे....
ख्वाईशें...ख्वाइशे ....ख्वाइशे 
रबने कहा फिर उसे...

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